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चिकन पॉक्स (माता): जानें इसके कारण, लक्षण और प्रभावी घरेलू उपचार

Last updated on : 27 Feb, 2025

Read time : 10 min

चिकन पॉक्स, जिसे माता या चेचक भी कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो Varicella-Zoster Virus (VZV) के कारण होता है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले वयस्क भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, हवा में मौजूद वायरस  के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। इस ब्लॉग में हम चिकन पॉक्स क्या होता है और यह कैसे होता है इसकी चर्चा करेंगे और साथ ही चिकन पॉक्स के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे। 

चिकन पॉक्स क्या है? (What is Chickenpox in Hindi)

चिकन पॉक्स वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस से होता है। विषाणु के शिकार से लोगों के शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां होती हैं। यह संक्रमण हवा और खांसी के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंचता है। एक बार जिस व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता है तो उसका इम्यून सिस्टम उस वायरस के प्रति सचेत होता है। जीवन में कभी उसे दोबारा चिकन पॉक्स नहीं होता है। अधिकांश लोग बिना इलाज के चिकन पॉक्स से ठीक हो जाते हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को चिकन पॉक्स का वैक्सीनेशन अनिवार्य है। 

चिकन पॉक्स के कारण (Chickenpox Causes in Hindi)

चिकन पॉक्स का मुख्य कारण Varicella-Zoster Virus (VZV) नामक वायरस होता है। यह वायरस कई कारणों से फैल सकता है, जैसे:

  • संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस हवा में फैल जाता है।
  • संक्रमित व्यक्ति के खुले फफोलों के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है।
  • वायरस से संक्रमित वस्तुओं को छूने से भी यह फैल सकता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग जल्दी प्रभावित हो सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं से उनके नवजात शिशु तक यह वायरस फैल सकता है।

चिकन पॉक्स के लक्षण (Chickenpox Symptoms in Hindi)

चिकन पॉक्स के लक्षण काफी आम होते है। इनमें सबसे आम खुजली और  लाल धब्बे होते हैं। इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं: 

  • दाने: चेहरे, छाती और पीठ पर खुजली वाले दाने या लाल धब्बे जो शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं
  • बुखार: चिकनपॉक्स से पीड़ित कई व्यक्तियों को मध्यम से तेज बुखार हो जाता है
  • सिरदर्द: सिरदर्द हो सकता है
  • भूख में कमी: चिकनपॉक्स से पीड़ित लोगों में खाने की इच्छा कम हो सकती है
  • गले में खराश: गले में हल्की खराश हो सकती है

चिकन पॉक्स रोग के निदान (Diagnosis of Chickenpox in Hindi)

चेचक के लक्षण दिखने पर डॉक्टर दिखने पर डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों से रोग की पहचान कर सकते हैं:

  • शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर शरीर पर मौजूद लाल चकत्तों और फफोलों का परीक्षण करके रोग की पहचान कर सकते हैं।
  • रक्त परीक्षण: ब्लड टेस्ट के माध्यम से संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है।
  • त्वचा परीक्षण: त्वचा की कोशिकाओं का परीक्षण कर चिकन पॉक्स की पुष्टि की जा सकती है।

चिकन पॉक्स का इलाज (Chickenpox Treatment in Hindi)

चिकन पॉक्स का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। चिकनपॉक्स के इलाज के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं:

  • पर्याप्त आराम करें।
  • शरीर को हाइड्रेट रखें। अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थ पिएं।
  • खुजली से राहत के लिए कैलामाइन लोशन का उपयोग करें।
  • संक्रमित त्वचा को बार-बार न छुएं।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटीवायरल दवाओं का सेवन करें।

चिकन पॉक्स की रोकथाम कैसे करें? (Prevention of  Chickenpox in Hindi)

चिकन पॉक्स की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. टीकाकरण (Vaccination) – वरिसेला वैक्सीन (Varicella Vaccine) लगवाना सबसे प्रभावी तरीका है।
  2. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें – संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  3. हाइजीन का ध्यान रखें – नियमित हाथ धोएं और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
  4. संक्रमित वस्तुओं से बचें – संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, तौलिया या बर्तन साझा न करें।
  5. इम्यूनिटी बढ़ाएं – पौष्टिक आहार लें और व्यायाम करें।
  6. भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें – संक्रमण फैलने के जोखिम को कम करें।
  7. संक्रमण के लक्षणों पर ध्यान दें – प्रारंभिक लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

चिकन पॉक्स के घरेलू उपचार क्या है? (Home Remedies for Chickenpox in Hindi)

1. नीम के पानी से स्नान

चिकन पॉक्स में खुजली और जलन से राहत पाने के लिए नीम के पानी से स्नान करना एक प्रभावी उपाय है। नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए कुछ नीम की पत्तियों को पानी में उबालें और ठंडा होने के बाद उस पानी से स्नान करें। यह त्वचा की जलन को शांत करता है और घाव जल्दी भरने में मदद करता है।

2. हर्बल टी 

हर्बल टी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और चिकन पॉक्स के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। तुलसी, कैमोमाइल, अदरक और हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल टी पीने से सूजन कम होती है और शरीर को आराम मिलता है। यह संक्रमण को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

3. कैलामाइन लोशन

कैलामाइन लोशन चिकन पॉक्स के कारण होने वाली खुजली और जलन से राहत देता है। इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और चकत्ते जल्दी ठीक होते हैं। नियमित रूप से लगाने से खुजली कम होती है और संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाता है।

4. स्वयं को खरोचने से बचें

चिकन पॉक्स में खुजली होने पर खरोचने से बचना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे घाव बनने और संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। नाखून छोटे रखें और अगर खुजली ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह लें। खुजली को कम करने के लिए ठंडी पट्टी या मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।

5. डॉक्टर द्वारा बताए गए दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें

चिकन पॉक्स में बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें। पैरासिटामोल जैसी दवाएं सुरक्षित होती हैं लेकिन एस्पिरिन से बचना चाहिए। कोई भी दवा लेने से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है ताकि दुष्प्रभावों से बचा जा सके।

5. त्वचा पर जरूरी तेल लगाएं

चिकन पॉक्स के दाग कम करने और त्वचा को पोषण देने के लिए नारियल तेल, विटामिन E तेल या एलोवेरा जेल का उपयोग करें। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं और तेजी से घाव भरने में मदद करते हैं। दिन में दो बार लगाने से खुजली और जलन में भी राहत मिलती है।

चिकन पॉक्स में क्या खाना चाहिए?

चिकन पॉक्स के समय निम्नलिखित पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे कि बेहतर रिकवरी हो पाए:

  1. पौष्टिक और हल्का भोजन: सुपाच्य और हल्का खाना खाएं, जैसे दलिया, खिचड़ी, दाल-सब्जी।
  2. तरल पदार्थ: नारियल पानी, ताजा फलों का रस, नींबू पानी और सूप पिएं।
  3. प्रोटीन युक्त भोजन: दाल, पनीर, दही और उबले हुए अंडे लें।
  4. विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ: संतरा, नींबू, अमरूद, कीवी और पपीता रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  5. हरी सब्जियां: पालक, मेथी, लौकी और तोरई जैसी हल्की सब्जियां खाएं।
  6. दही और छाछ: पाचन सुधारने और शरीर को ठंडक देने में मदद करता है।
  7. सूखे मेवे: बादाम, अखरोट और किशमिश सीमित मात्रा में लें, जिससे शरीर को एनर्जी मिले।
  8. अदरक और हल्दी: संक्रमण से बचाव के लिए हल्दी वाला दूध और अदरक की चाय फायदेमंद होती है।

चिकन पॉक्स में किन चीजों से परहेज करें?

चेचक के दौरान निम्नलिखित पदार्थों से परहेज करना आवश्यक है:

  1. मसालेदार और तला-भुना भोजन: पेट में जलन और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ा सकता है।
  2. खट्टे और एसिडिक फल: नींबू, संतरा, टमाटर जैसी चीजें घावों में जलन पैदा कर सकती हैं।
  3. जंक फूड: पिज्जा, बर्गर, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स से बचें, ये शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं।
  4. कैफीन और अल्कोहल: चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब से परहेज करें, यह शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है।
  5. डेयरी प्रोडक्ट्स (ज्यादा मात्रा में): ज्यादा दूध और चीज़ से बलगम बढ़ सकता है, जिससे असहज महसूस हो सकता है।
  6. मीठी चीजें: केक, पेस्ट्री और ज्यादा शक्कर वाली चीजें शरीर में इन्फेक्शन बढ़ा सकती हैं।
  7. फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड: इनमें प्रिजर्वेटिव्स और केमिकल्स होते हैं, जो रिकवरी में बाधा डाल सकते हैं।
  8. सूखी और कठोर चीजें: ब्रेड, टोस्ट, सूखे मेवे ज्यादा मात्रा में खाने से गले में जलन हो सकती है।

निष्कर्ष

चिकन पॉक्स वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह काफी गंभीर हो सकता है। चिकन पॉक्स वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाला एक बहुत  संक्रामक संक्रमण होता है। चिकन पॉक्स का सबसे आम लक्षण तरल पदार्थ से भरे फफोले के साथ खुजलीदार लाल दाने होते है। चिकन पॉक्स से खुद को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

चिकन पॉक्स का मुख्य कारण क्या है?

चिकन पॉक्स का मुख्य कारण है वाइरस संक्रमण – वेरिकोला जोस्टर वाइरस (VZV)

चिकन पॉक्स जल्दी ठीक करने के लिए क्या करें?

चिकन पॉक्स में जल्दी आराम के लिए त्वचा को ठंडे पानी से साफ रखें, नीम की पत्तियों का उपयोग करें और डॉक्टर की सलाह से दवा लें। खुजली से बचने के लिए कैलामाइन लोशन लगाएं और अधिक पानी पिएं।

चिकन पॉक्स कितने दिन तक रहता है?

यह आमतौर पर 5-10 दिनों तक रहता है लेकिन गंभीर स्थिति में यह 10-21 दिनों तक भी अपना असर रखता है।

चेचक की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

चेचक ठीक करने का सबसे कारगर तरीका होता है इसका टीकाकरण। जिससे यह दोबारा नहीं हो पाता है।

चिकन पॉक्स के दाग कितने दिन में ठीक होते हैं?

चिकन पॉक्स के दाग आमतौर पर 1 से 2 हफ्तों में हल्के होने लगते हैं लेकिन पूरी तरह मिटने में कुछ महीनों तक लग सकते हैं।

क्या हम चिकन पॉक्स के दौरान दूध पी सकते हैं?

हाँ, हम चिकन पॉक्स के दौरान दूध पी सकते हैं।

क्या चिकन पॉक्स में नहाना चाहिए?

गरम पानी से स्पंज बाथ (कपडे से पोछना ) ले सकते है।

क्या चिकन पॉक्स छूने से फैलता है?

हां , चिकन पॉक्स एक संचारित रोग है इससे संक्रमित रोगी के सम्पर्क में आने से फ़ैल सकता है।

चेचक कितना दर्दनाक होता है?

चेचक दर्दनाक नहीं होता है। इसमें खुजली और धब्बे की परेशानी होती है।

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