Last updated on : 19 Feb, 2025
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हिचकी एक ऐसी शारीरिक प्रक्रिया है जो बहुत आम है लेकिन कभी-कभी यह इतनी ज़्यादा परेशान करने वाली हो सकती है कि हमारे दिनचर्या में बाधा डालने लगती है। यह सामान्य रूप से किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं होती लेकिन लगातार या बार-बार हिचकी आना किसी गंभीर समस्या का भी संकेत हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि हिचकी क्यों आती है, इसके कारण और इसे रोकने के लिए किन असरदार उपायों को अपनाया जा सकता है।
हिचकी एक स्वचालित, अनियंत्रित शारीरिक प्रक्रिया है जिसमें आपके डायाफ्राम (पेट) की मांसपेशियां अचानक संकुचित हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप गले की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं और हम एक अजीब सी आवाज सुनते हैं जिसे हम हिचकी कहते हैं। यह आवाज तब होती है जब आपकी श्वसन नलिका (windpipe) में अचानक से वायु प्रवेश करती है और गले में एक खिंचाव महसूस होता है। इसका कारण सामान्यत: एक सामान्य उत्तेजना होती है जैसे बहुत अधिक खाना या अधिक मानसिक तनाव लेकिन कभी-कभी यह अन्य अधिक जटिल स्वास्थ्य समस्याओं का परिणाम भी हो सकती है।
हिचकी आने के कारण बहुत विविध हो सकते हैं। कुछ सामान्य और कुछ गंभीर कारण निम्नलिखित हैं:
जब आप बहुत ज़्यादा खाते हैं या अत्यधिक शराब पीते हैं तो पेट में गैस का निर्माण होता है। इस स्थिति में पेट पर दबाव पड़ता है और डायाफ्राम के मांसपेशियां अचानक सिकुड़ने लगती हैं जिससे हिचकी आ सकती है।
जब पेट का एसिड ओस्फैगस (गले की नली) में वापस आता है तो यह गले की मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकता है जिससे हिचकी हो सकती है।
मानसिक तनाव या चिंता के कारण भी हिचकी आ सकती है। जब कोई व्यक्ति अत्यधिक तनाव या घबराहट महसूस करता है तो शरीर की स्वचालित प्रतिक्रिया में हिचकी शामिल हो सकती है।
गर्म से ठंडे या ठंडे से गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी हिचकी आ सकती है क्योंकि यह पेट के अंदर और डायाफ्राम में एक असंतुलन उत्पन्न करता है।
कभी-कभी पेट में अतिरिक्त गैस या हवा बनने के कारण डायाफ्राम पर दबाव बढ़ सकता है जिससे हिचकी आती है।
अत्यधिक या जल्दी-जल्दी खाने से हिचकी आ सकती है क्योंकि यह पेट में अधिक दबाव पैदा करता है और डायाफ्राम को उत्तेजित करता है।
कुछ मामलों में हिचकी तंत्रिका तंत्र (nervous system) में गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है। जैसे वेगस तंत्रिका (vagus nerve) या फ्रेनिक तंत्रिका (phrenic nerve) पर कोई दबाव या नुकसान हिचकी का कारण बन सकता है।
यदि हिचकी लंबे समय तक बनी रहती है (48 घंटे से अधिक), तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है और आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लंबी हिचकी सामान्यत: शरीर के तंत्रिका तंत्र, पेट या श्वसन प्रणाली में किसी समस्या का परिणाम हो सकती है। ऐसे मामलों में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
हिचकी को रोकने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी हैं जिन्हें अपनाकर आप हिचकी को रोक सकते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
हिचकी को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी काफी प्रभावी हो सकते हैं। इन उपायों को अपनाने से हिचकी को बंद किया जा सकता है। ये उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:
सांस को कुछ समय के लिए रोककर रखने से हिचकी रुक सकती है। यह उपाय बहुत ही सरल और प्रभावी है। जब आप गहरी सांस लें और कुछ सेकंड के लिए उसे रोककर रखें तो आपके शरीर की तंत्रिका तंत्र पर दबाव बढ़ता है जिससे हिचकी रुक सकती है।
शहद का सेवन करने से हिचकी को नियंत्रित किया जा सकता है। शहद में प्राकृतिक गुण होते हैं जो गले की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं। एक चम्मच शहद का सेवन करें और कुछ समय के लिए आराम करें।
अपने घुटनों को छाती तक लाकर बैठने से डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है और हिचकी को रोकने में मदद मिल सकती है। इस मुद्रा में कुछ समय तक बैठने से हिचकी बंद हो सकती है।
पीनट बटर का सेवन करने से हिचकी जल्दी रुक सकती है। एक चम्मच पीनट बटर गले की मांसपेशियों को आराम देता है और हिचकी को नियंत्रित करने में मदद करता है।
आइस बैग को गर्दन पर रखने से वागस तंत्रिका को उत्तेजित किया जा सकता है जिससे हिचकी रुक सकती है। एक आइस पैक को गर्दन के निचले हिस्से पर रखें और कुछ देर के लिए छोड़ दें।
आंवला और मिश्री का मिश्रण हिचकी को रोकने में मदद करता है। यह गैस्ट्रिक समस्याओं को ठीक करता है और पेट को शांत करता है जिससे हिचकी रुक सकती है।
नींबू और नमक का मिश्रण हिचकी रोकने में कारगर साबित हो सकता है। आधे नींबू का रस निकालकर उसमें चुटकी भर नमक डालें और इसका सेवन करें।
सोंठ और हरड़ का मिश्रण हिचकी के इलाज में सहायक होता है। इन दोनों का मिश्रण पेट के लिए फायदेमंद होता है और हिचकी को तुरंत बंद करने में मदद करता है।
कुटकी का चूर्ण और शहद का सेवन हिचकी को रोकने के लिए एक बेहतरीन उपाय है। यह पेट के लिए लाभकारी होता है और हिचकी के कारण होने वाली परेशानी को कम करता है।
हींग और मक्खन का मिश्रण हिचकी को बंद करने के लिए एक प्रभावी उपाय है। आधे चम्मच हींग को मक्खन के साथ मिलाकर सेवन करें और कुछ समय बाद हिचकी रुक जाएगी।
हिचकी एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो आमतौर पर कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक होती है। हालांकि, जब यह बार-बार या लंबे समय तक आती है तो यह परेशानी का कारण बन सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें गैस्ट्रिक समस्याएं, मानसिक तनाव या तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी शामिल हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए आप ऊपर बताए गए घरेलू उपायों का पालन कर सकते हैं या डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
हिचकी आमतौर पर किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं देती लेकिन यदि यह बार-बार हो, तो यह किसी आंतरिक समस्या जैसे गैस, एसिड रिफ्लक्स या तंत्रिका तंत्र से संबंधित हो सकती है।
अगर हिचकी नहीं रुक रही तो पानी पिएं, गहरी सांस लें या डॉक्टर से सलाह लें।
हिचकी रोकने के लिए शहद, आंवला, नींबू और नमक, पीनट बटर जैसे खाद्य पदार्थ फायदेमंद हो सकते हैं।
नहीं, हिचकी आमतौर पर मौत का कारण नहीं बनती लेकिन यदि यह लंबे समय तक बनी रहे तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है।
बार-बार हिचकी आना गैस, एसिड रिफ्लक्स या तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है।
जी हां, पेट में गैस बनने से हिचकी आ सकती है क्योंकि गैस डायाफ्राम पर दबाव डालती है।
गहरी सांसें लेने, ठंडा पानी पीने या गर्दन पर आइस बैग रखने से वेगस तंत्रिका उत्तेजित होती है और हिचकी रुक सकती है।
हिचकी रोकने की दवा के रूप में आमतौर पर शहद, पीनट बटर या सोंठ का सेवन किया जाता है।
हिचकी के प्रेशर पॉइंट को दबाकर हिचकी को रोका जा सकता है। यह पॉइंट गले और ठोड़ी के नीचे होता है।
यदि हिचकी बंद नहीं हो रही हो तो डॉक्टर से संपर्क करें और किसी गंभीर समस्या का पता करवाएं।
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